Rajasthan Public Service Commission (RPSC)/ RAS/RJS - General Knowledge Rajasthan Quiz
1. गलताजी के बाद रामानंद संप्रदाय की दूसरी महत्वपूर्ण पीठ कहाँ है ?
• सलेमाबाद
• जोधपुर
• ✓ रेवासा
• जालोर
भक्तमाल में रामानंद जी के बारह शिष्य कहे गए हैं अनंतानंद, सुखानंद, सुरसुरानंद, नरहर्यानंद, भावानंद, पीपा, कबीर, सेन, धाना, रैदास, पद्मावती और सुरसरी। राजस्थान में रामानंन्दी संप्रदाय का श्रीगणेश संत श्री कृष्णदासजी पयहारी ने किया, जो अनन्तानंद जी के परमशिष्य थे। पयहारी ने गलताजी, जयपुर ( जो तत्समयनाथियों का प्रमुख केन्द्र था ) में नाथपंथियों को शास्त्रार्थ में पराजित कर रामानंदी संप्रदाय की पीठ स्थापित की, जो राजस्थान में प्रमुख पीठ है। पयहारीजी के शिष्य उग्रदासजी नें सीकर के पास रेवासा में इस संप्रदाय की अन्य पीठ स्थापित की थी।
2. जयपुर के शासक रहे कछवाहा मध्यप्रदेश के नरवर से आये थे। उस समय लगभग संपूर्ण पूर्वी राजस्थान पर, यानि चम्बल के पश्चिमी तरफ किस जातीय समूह का शासन था, जिसके एक शासक के साथ धोखा कर दूल्हा राय कछवाहा ने अपने राज्य की नींव रखी थी ?
• ✓ मीणा
• गुर्जर
• ब्राह्मण
• जाट
जयपुर में प्राथमिक रुप से जागीरदारों का विभाजन 'बारह कोटड़ी 'से आधारित था, सरदारों में सबसे मुख्य राजपूत कछवाहा थे, जो राजा के निकट सम्बन्धी होते थे। जयपुर के समीप स्थित आमेर का किला कछवाहा राजपूतों के गौरवशाली इतिहास का गवाह है। आमेर की घाटी में मीणाओं को फतह कर उन्होंने जब आमेर नगरी बसाई तो वहीं एक पहाडी पर उन्होंने भव्य किले का निर्माण कराया था। वही किला आज आमेर फोर्ट के नाम से विख्यात है।
3. संगम योजना का सम्बन्ध है-
• ✓ विकलांगों से
• पहाड़ियों से
• नदियों से
• विधवाओं से
संगम योजना का उद्देश्य विकलांगों के कल्याण में वृद्धि है।
4. ब्राह्मण और भील पुजारी मिल कर इनकी पूजा करते हैं। राजसमन्द के केलवाडा के पास रीछडा में इन लोक देवी का भव्य मंदिर है। ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी को यहाँ भीलों का विशाल मेला भरता है। कौनसी देवी हैं ?
• ✓ आमजा माता
• घेवर माता
• बाण माता
• सुगाली माता
5. " साँझी लीला" भी किशनगढ़ शैली का प्रतिनिधि चित्र है , जो निहालचंद ने बनाया था। इस शैली के अन्य चित्रों "बनी ठनी", "दीपावली चित्र", "चाँदनी रात की संगोष्ठी" आदि से इस चित्र को अलग करने वाली बात है -
• शुक नासिका
• ✓ राधा की पोशाक में कृष्ण
• कमान जैसी भवें
• मत्स्याकार आँखें
6. जंगी ढोल की तान पर शेर और शिकारी शाम को नृत्य शुरू करते हैं, जो देर रात तक चलता रहता है। शेर और कोई नहीं , रुई लपेटे पुरुष ही होते हैं। बच्चे इस बिखरी रुई को इकट्ठा कर घर ले जाते है। मानते हैं कि बीमार होने पर बच्चों के गले में इस रुई का धागा बांधने से बीमारी ठीक हो जाती है। किस कस्बे में यह स्वांग होता है ?
• ✓ मांडल
• भिनाय
• नसीराबाद
• ब्यावर
7. सीता से जुड़े स्थान राजस्थान में कई जगह हैं। बारां में सीता बाड़ी का स्थान अपने विशाल मेले के लिए प्रसिद्ध है , तो इस ज़िले में सीता माता का नाम मशहूर अभयारण्य से जुड़ा है –
• ✓ प्रतापगढ़
• बूंदी
• बांसवाडा
• उदयपुर
8. उन्होंने उम्र भर गांधारी की तरह आँखों पर पट्टी बाँधे रखी थी। गांधारी अपने पति की अन्धता में सहभागी बनी थी, परन्तु राजस्थान की इन महिला संत ने पट्टी इस लिए बांधी थी, ताकि अपने आराध्य कृष्ण के सिवा किसी अन्य को देखना इन्हें गवारा नहीं था। इन्हें जानते हैं ?
• सहजोबाई
• ज्ञानमतीबाई
• ✓ समानबाई
• भूरीबाई
9. मारवाड़ जंक्शन से मावली जंक्शन जब आप रेल से जाते हैं तो रास्ते में अरावली को पार करना होता है। मारवाड़ को मेवाड़ से जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग पर स्थित पर्वतीय घाट का नाम क्या है ?
• केवड़ा की नाल
• ✓ गोरम घाट
• रतनपुरा घाट
• चीरवा घाट
झीलवाड़ा की नाल , जिसे देसूरी की नालया पगल्या नाम से भी जाना जाता है, मेवाड़ को मारवाड़ से जोड़ती है। मुगलों के समय हल्दीघाटी के युद्ध के पश्चात् मुगलों ने अधिकांश आक्रमण इसी नाल से घुस कर किये। इसके अतिरिक्त मेवाड़ को मारवाड़ से जोडऩे वाली अन्य नाल सोमेश्वर की नाल, हाथीगुड़ा की नाल, भाणपुरा की नाल (राणकपुर का घाटा), कामली घाट, गोरम घाट व काली घाटी है।
10. बाणगंगा पर जब अजान बाँध बनाया गया तो, उसके लिए खोदी गयी मिट्टी के कारण एक छिछला तालाब सा बन गया। फिर यहाँ पानी भरा तो घने पेड़ उग आये और पंछियों का बसेरा भी बन गया। पंछियों ने इस जगह का नाम रोशन कर दिया।
• ✓ केवलादेव
• रामसागर
• तालाबशाही
• जमवारामगढ़
11. मंडरायल के किले को ग्वालियर की कुंजी कहा जाता था. यह किस जिले में स्थित है?
• ✓ सवाई माधोपुर
• करौली
• धोलपुर
• बारां
12. थेवा कला में कांच और सोने की जुगलबंदी देखते ही बनती है। कांच की ज़मीन पर सोने का काम करने वाले सुनारों को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इस कला में कांच का रंग अधिकतर होता है ?
• लाल
• पीला
• सफेद
• ✓ हरा
थेवा कला में पहले कांच पर सोने की बहुत पतली वर्क या शीट लगाकर उस पर बारीक जाली बनाई जाती है, जिसे थारणा कहा जाता है। दूसरे चरण में कांच को कसने के लिए चांदी के बारीक तार से फ्रेम बनाया जाता है, जिसे "वाडा" कहा जाता है। तत्पश्चात इसे तेज आग में तपाया जाता है। फलस्वरूप शीशे पर सोने की कलाकृति और खूबसूरत डिजाइन उभर कर एक नायाब और लाजवाब कृति का आभूषण बन जाती है।
13. शासक को भी कोई देशनिकाला देते हैं ? लेकिन अँग्रेज़ों ने इन सीकर के इन महाशय को चार वर्षों के लिए 1937 में सीकर से बाहर भेज कर जनता को बता दिया कि असली शासक कौन था –
• ✓ कल्याण सिंह
• राम सिंह
• फ़तेह सिंह
• शिव सिंह
14. यह इमारती लकड़ी राजस्थान के दक्षिणी भाग में मिलती है और अँग्रेजों ने इसके दोहन के लिए रेल लाइनें तक बिछा दी थी। इसमें मौजूद तेल की खुशबू के कारण दीमक इससे दूर रहती है।
• ✓ सागवान
• सेमल
• धोक
• साल
15. राजस्थान का यह स्थान देहली और मुंबई के ठीक बीच में होने से यहाँ एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया ने अपना केंद्र बना रखा है।
• उदयपुर
• ✓ प्रतापगढ़
• जयपुर
• कोटा
मुंबई और दिल्ली के हवाई मार्ग के लगभग एकदम बीच में होने की वजह से प्रतापगढ़ शहर के नज़दीक धरियावद मार्ग पर 'एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया' ने एक 'वी ओ आर स्टेशन' (वायुयान संकेतक केंद्र) स्थापित किया है. राजस्थान सरकार ने अप्रैल २०११ में लगभग २ किलोमीटर लंबी,बड़े जेट विमानों तक के उतरने लायक एक हवाई पट्टी गांव वरमंडल में ( जो मुख्यालय से १२ कि.मी. दूर है ) मंज़ूर की है।
16. इस जाति के लोग खुद को कहते तो हिन्दू हैं , परन्तु किसी व्यक्ति के मरने पर उसके शव को जलाने की बजाय गाड़ते हैं। यही नहीं मृतक के मुँह में गंगा जल की जगह शराब की बूँदें भी डालते हैं !
• सहरिया
• भील
• सांसी
• ✓ कंजर
17. सटका शरीर के किस अंग का आभूषण है ?
• गला
• ✓ कमर
• नाक
• पैर
18. बलदेव, डालू राम और सालिगराम इस चित्र शैली के माने हुए कलाकार रहे हैं। बलदेव ने गुलाम अली के साथ मिल कर प्रसिद्ध चित्र "गुलिस्ताँ" बनाया था, जिस पर उस समय में एक लाख रुपये खर्च हुए थे। सुनहरे रंगों वाली इस चित्र शैली को पहचानिए -
• मेवाड़ी
• बूंदी
• मारवाड़ी
• ✓ अलवर
19. जयपुर रियासत ने 1924 में एक कानून बनाकर इस जाति के प्रत्येक परिवार के 12 वर्ष से ऊपर के स्त्री पुरुषों को नजदीक के पुलिस थाने पर रोजाना हाजिरी देना अनिवार्य कर दिया था। कभी इस क्षेत्र के मूल शासक रहे लोगों के लिए यह एक अमानवीय स्थिति थी। 1946 में जाकर इस कानून से बड़े आंदोलनों के बाद छुटकारा पाया जा सका था। कौनसी अभागी जाति थी ?
• गुर्जर
• भील
• ✓ मीणा
• जाट
20. कांच की तरह पारदर्शी संगमरमर का यह झूमर गुम्बद से लटकता रहता है। वास्तव में शिल्पी शोभनदेव ने कमाल ही कर दिया था। पूरे में मंदिर में अर्ध विकसित कमल के फूलों सी संगमरमर की ऐसी ही कलाकृतियाँ नजर आती हैं। कहाँ पर देख पाएंगे इस मंदिर को ?
• चारभुजा
• रणकपुर
• ✓ आबू
• चित्तौड़
21. विन्ध्य की घाटियों में विचरण करती यह बकरी आपको राजस्थान के पूर्वी भागों में मिलेगी। प्रदेश की आकर में यह सबसे छोटी बकरी है , लेकिन काम चारा खाकर भी यह तुलनात्मक रूप से दूध की मात्रा अधिक देती है। कौनसी नस्ल की हम बात कर रहे हैं ?
• जखराना
• लोही
• जमनापारी
• ✓ बारबरी
22. तलवार की नोक को क्या कहते है ?
• ✓ अणी
• फाल
• बाढ़
• मूठ
23. इंदिरा गाँधी नहर के बाईं तरफ की जमीन ऊँची होने से उस तरफ पानी पहुँचाने के लिए पानी को लिफ्ट किया जाता है. ऐसी अभी तक सात लिफ्ट नहरें हैं. इनमें सबसे लंबी नहर है?
• वीर तेजाजी नहर
• कंवरसेन नहर
• ✓ गुरु जम्भेश्वर नहर
• जयनारायण व्यास नहर
24. मेगा हाई वे परियोजना के संचालन के लिए गठित उपक्रम है-
• ✓ रिडकोर
• रेडा
• सिडको
• रीको
मेगा हाइवे परियोजना के क्रियान्वन हेतु राजस्थान सरकार एवं मैसर्स आईएल एंड एफएस के मध्य 50:50 की भगीदारी से एक संयुक्त उपक्रम रोड इन्फास्ट्रक्चर डवलपमेंट आॅफ राजस्थान लिमिटेड ( रिडकोर ) की स्थापना अक्टूबर, 2004 में की गई थी।
25. जेलर मगन राज व्यास के कहने पर उम्र कैदी अब्दुल रहमान और उसके साथियों ने भूख हड़ताल पर बैठे इन स्वतंत्रता सेनानी की इतनी पिटाई की कि उनकी पसली ही टूट गयी. पिटाई और तेज गर्मी के कारण इन्हें आये तेज बुखार और दस्त ने आखिर १९ जून १९४२ को इनकी जान ही ले ली, क्योंकि निर्दयी शासन ने उपचार भी नहीं करवाया. कौन थे यह महान सेनानी ?
• सागरमल गोपा
• जय नारायण व्यास
• बीरबल सिंह
• ✓ बालमुकुंद बिस्सा
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1. 1920 में भीलों व किसानों में पूर्ण एकता स्थापित करने के मुख्य उद्देश्य को लेकर एक्की आंदोलन प्रारम्भ करने वाले थे -
• विजय सिंह पथिक
• गोविन्द गुरु
• ✓ मोतीलाल तेजावत
• माणिक्य लाल वर्मा
यह आंदोलन 1920 में माद्री पट्टा तथा जलसा में अनुचित लाग-बागों और बैठ-बेगार के विरोध में आरंभ किया गया था। भील आंदोलन का दूसरा चरण मोतीलाल तेजावत के नेत्रत्व में चले एकी आंदोलन के रूप में चला। यह आंदोलन भील क्षेत्र भोमट में चलाया गया था अतः इसे भोमट भील आंदोलन के आंदोलन के नाम से जाना जाता है। भीलों में एकता स्थापित करने के इस अभियान को ही एकी आंदोलन कहा जाता है।
2. 'लांगूरिया' का संबंध किस देवी से है ?
• शीतला माता
• औसियां माता
• शाकम्भरी माता
• ✓ कैलादेवी
करोली स्थित कैलादेवी मंदिर के सामने प्रांगण में गणेशजी व भैरवजी की मूर्तियां हैं जिन्हे प्राकृत बृज भाषा में 'लांगूरिया' कहते है। इनके भक्त इनकी अराधना में 'लांगूरिया' गीत गाते है।
3. इस पेड़ का सिर तपती आग में और पैर बहते पानी में डूबे होने चाहिए । राजस्थान में इस पेड़ के विकास की संभावनाओं को देखते हुए 1955 से ही बीकानेर में अनुसंधान केन्द्र स्थापित कर दिया गया था। यह पेड़ है -
• नीम
• ✓ खजूर
• शहतूत
• आम
4. राजस्थान में 1857 के विद्रोह की शुरूआत इस दिन और इस स्थान से हुई -
• 03 जून, नीमच
• 23 अगस्त, एरिनपुरा
• 09 अगस्त, अजमेर
• ✓ 28 मई, नसीराबाद
सबसे पहले नसीराबाद में इस विद्रोह की शुरू आत हुई थी। इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि ब्रिटिश सरकार ने अजमेर की 15वीं बंग़ाल इन्फ़ेन्ट्री को नसीराबाद भेज दिया था क्योंकि सरकार को इस पर विश्वास नहीं था। सरकार के इस निर्णय से सभी सैनिक नाराज हो गये थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ़ क्रांति का आगाज कर दिया। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश सरकार ने बम्बई के सैनिकों को नसीराबाद में बुलवाया और पूरी सेना की जंाच पड़ताल करने को कहा। ब्रिटिश सरकार ने नसीराबाद में कई तोपे तैयार करवाई। इससे भी नसीराबाद के सैनिक नाराज हो गये और उन्होंने विद्रोह कर दिया। सेना ने कई ब्रितानियों को मौत के घाट उतार दिया साथ ही साथ उनकी सम्पत्ति को भी नष्ट कर दिया। इन सैनिकों के साथ अन्य लोग भी शामिल हो गये।
5. मीरां की तरह यह शहजादी भी कृष्ण की उपासिका थी । शहजादी ताज बेगम के गुरु विट्ठल नाथ थे। कहाँ की शहजादी थी, ताज बेगम -
• टोंक
• झुंझुनूं
• ✓ फतेहपुर
• तिजारा
6. अलवर जिले में स्थित ऊँची पर्वत चोटियां हैं -
• ✓ भैराच, बैराठ
• बैराठ, मनोहरपुर
• बबई, रघुनाथगढ़
• बरवाड़ा, नाहरगढ़
भैराच (७९२ मीटर), बैराठ (७०४ मीटर) अलवर जिले में स्थित है।
7. जर्मनी की एक संस्था के.एफ.डब्ल्यू के सहयोग से राजस्थान के इस जिले में ‘आपणी योजना’ से जनता लाभान्वित हो रही है। पेयजल की इस योजना में जन भागीदारी से प्रबन्ध को सुगम बनाया गया है -
• ✓ चुरू
• जोधपुर
• पाली
• बीकानेर
चूरू व हनुमानगढ जिले के 345 गांवों में जर्मनी की एक संस्था के.एफ.डब्ल्यू के सहयोग से राजस्थान के इस जिले में ‘आपणी योजना’ से जनता लाभान्वित हो रही है। इस योजना के तहत हनुमानगढ जिले की नोहर तहसील के 119 और चूरू जिले की चार तहसीलों सरदारशहर, तारानगर, चूरू व राजगढ के 226 गांव जुडे हुए हैं।
8. कांतली नदी के तट पर स्थित इस सभ्यता में पत्थर के मकान बनाये जाते थे, ईंटों से नहीं। उत्खनन में यहां पर चित्रित कपिष वर्णी मृद् पात्र, ताबें आयुध, उपकरण, आभूषण आदि प्राप्त हुए हैं। यह सभ्यता है -
• बैराठ
• जोधपुर
• कालीबंगा
• ✓ गणेश्वर
गणेश्वर, राजस्थान के सीकर ज़िला के अंतर्गत नीम-का-थाना तहसील में ताम्रयुगीन संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण स्थल है। गणेश्वर से प्रचुर मात्रा में जो ताम्र सामग्री पायी गयी है, वह भारतीय पुरातत्त्व को राजस्थान की अपूर्व देन है। ताम्रयुगीन सांस्कृतिक केन्द्रों में से यह स्थल प्राचीनतम स्थल है। खेतड़ी ताम्र भण्डार के मध्य में स्थित होने के कारण गणेश्वर का महत्त्व स्वतः ही उजागर हो जाता है। यहाँ के उत्खनन से कई सहस्त्र ताम्र आयुध एवं ताम्र उपकरण प्राप्त हुए हैं। इनमें कुल्हाड़ी, तीर, भाले, सुइयाँ, मछली पकड़ने के काँटे, चूड़ियाँ एवं विविध ताम्र आभूषण प्रमुख हैं। इस सामग्री में 99 प्रतिशत ताँबा है। ताम्र आयुधों के साथ लघु पाषाण उपकरण मिले हैं, जिनसे विदित होता है कि उस समय यहाँ का जीवन भोजन संग्राही अवस्था में था। यहाँ के मकान पत्थर के बनाये जाते थे। पूरी बस्ती को बाढ़ से बचाने के लिए कई बार वृहताकार पत्थर के बाँध भी बनाये गये थे। कांदली उपत्यका में लगभग 300 ऐसे केन्द्रों की खोज़ की जा चुकी हैं, जहाँ गणेश्वर संस्कृति पुष्पित-पल्लवित हुई थी।
9. इस देश का क्षेत्रफल राजस्थान के क्षेत्रफल के लगभग बराबर है -
• इजराइल
• ब्रिटेन
• ✓ जर्मनी
• जापान
राजस्थान का क्षेत्रीय विस्तार 3,42,239 वर्ग किलोमीटर में है जो भारत के कुल क्षेत्र का 10.43 प्रतिशत है। अतः क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विश्व के अनेक देशों से बड़ा है, उदाहरण के लिये इजराइल ( 20,700 किलोमीटर ) से 17 गुना, श्रीलंका से पांच गुना तथा ग्रेट ब्रिटेन ( 229848 वर्ग किलोमीटर ) नार्वे, पोलैण्ड, इटली से भी अधिक विस्तार रखता है। जापान ( 374,834 वर्ग किलोमीटर (भूमी) ) और जर्मनी ( 357,021 वर्ग किलोमीटर) का क्षेत्रफल राजस्थान के क्षेत्रफल से थोड़ा अधिक है। इसप्रकार जर्मनी सही जवाब है।
10. ये देश उन्हीं अक्षांशों पर स्थित हैं, जिन पर राजस्थान प्रदेश है -
• स्वीटजरलैंड, बेल्जियम, स्वीडन
• थाइलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर
• ✓ अल्जीरिया, लीबिया,मिश्र
• सोमालिया, इथोपिया, घाना
11. रसोईघर में काम आने वाले बर्तन ‘हाटड़ो’ (हटड़ी) में क्या संग्रह करके रखा जाता है -
• दही
• आटा
• दूध
• ✓ नमक-मिर्च मसाले
12. ऊन की गुणवत्ता एवं उपयोगिता का विश्लेषण करने के लिए इसके अध्ययन एवं नमूनों की जांच करने की सुविधा केन्द्रीय ऊन विश्लेषण प्रयोगशाला में है। यह प्रयोग शाला प्रदेश में कहां स्थापित की गई है -
• ✓ बीकानेर
• जोधपुर
• टोंक
• ब्यावर
13. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में निर्यात संवर्द्धन औद्योगिक पार्कों की स्थापना की गई है। सीतापुरा (जयपुर) बोरानाडा (जोधपुर) तथा नीमराना (अलवर) में स्थापित इन पार्कों के लिए प्रदेश को सहायता दी है -
• विश्व बैंक ने
• जापान ने
• ✓ केन्द्र सरकार ने
• भारतीय औद्योगिक विकास बैंक ने
सीतापुर (जयपुर) में देश का पहला निर्यात संवर्द्धन पार्क है।
14. हमीदुदीन चिश्ती को मिट्ठे साहब के नाम से जनमानस में प्रसिद्धि मिली थी। इनकी दरगाह किस दुर्ग के भीतर स्थित है -
• मांडलगढ़
• तारागढ़
• चित्तौड़गढ़
• ✓ गागरोन
15. परमारों के शासन का प्रमाण बसन्तगढ़ का जीणशीर्ण दुर्ग इस जिले में स्थित है -
• जालोर
• अजमेर
• टोंक
• ✓ सिरोही
16. राष्ट्रीय राजमार्ग 8,79,89 किस स्थान पर मिलते हैं ?
• जोधपुर
• जयपुर
• उदयपुर
• ✓ अजमेर
17. चित्रकला संग्रह सरस्वती भंडार कहां स्थित है -
• ✓ उदयपुर
• जोधपुर
• जयपुर
• अलवर
18. DOTS कार्यक्रम विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इस रोग को नियंत्रित करने के लिए 1995 से संचालित है -
• एड्स
• नारू
• ✓ क्षय रोग
• कैन्सर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) द्वारा मान्यता प्राप्त टी.बी. या तपेदिक उपचार के कार्यक्रम को ‘डॉट्स’ (DOTS- Directly Observed Treatment Short-course) कहते हैं ।
19. कंकड़-पत्थर से ढक़े मरूस्थलीय भाग को कहते हैं -
• मरहो
• अर्ग
• हम्मादा
• ✓ रेग
रेग चट्टानी मरुस्थल के लिए प्रयुक्त अरबी शब्द है। यह पवन द्वारा निक्षेपित बजरी से आच्छादित मरुस्थलीय मैदान होता है। केशिका क्रिया द्वारा सतह पर आने वाले लवणों से संयुक्त होकर बजरी प्रायः सतह पर चिपकी रहती है। इसके उदाहरण लीबिया, अल्जीरिया, मिश्र आदि के मरुस्थलों में मिलते हैं। इसे बजरी मरुस्थल (gravel desert) भी कहते हैं।
20. मारवाड़ के किसानों को लागतों तथा बेगारों के विरूद्ध जाग्रत करने के लिए ‘मारवाड़ हितकारिणी सभा’ की स्थापना 1923 में की गई थी। इसके संस्थापक थे -
• बलदेव राम मिर्धा
• ✓ जयनारायण व्यास
• कुंभा राम आर्य
• विजय सिंह पथिक
जयनारायण व्यास के नेतृत्व में मारवाड़ हितकारिणी सभा ने जोधपुर में उत्तरदायी शासन की माँग की तथा दो पुस्तकों- जैसे मारवाड़ की अवस्था और पोपनबाई की पोल प्रकाशित की, जिसमें राज्य सरकार की आलोचना की गई थी। जयनारायण व्यास व आनन्दराज सुराणा को बन्दी बनाकर राज्य सरकार ने दमनचक्र चलाया। १९३१ में इन नेताओं को रिहा कर दिया गया। सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ होने पर इन नेताओं ने जोधपुर युवक लीग का गठन किया और स्वदेशी का प्रचार व हड़तालें कीं। नेताओं को पुनः बन्दी बना कर मारवाड़ हितकारिणी सभा को अवैध घोषित कर दिया गया।
21. राज्य की पहली पवन ऊर्जा परियोजना जैसलमेर में शुरू की गई थी। दूसरी परियोजना इस जिले में स्थापित की गई थी -
• जोधपुर
• बाड़मेर
• ✓ प्रतापगढ़
• सीकर
22. गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के विकास, परिवहन तथा विद्युत सयंत्रों की स्थापना हेतु राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की स्थापना किस वर्ष में की गई थी -
• 2007
• 1980
• ✓ 2002
• 1990
23. बूंदी के कजली तीज माता मेले का मुख्य आकर्षण यह नृत्य रहता है -
• भवई
• ✓ चकरी
• घूमर
• हाथीमना
यह नृत्य हाड़ौती अंचल (कोटा,बारां और बूंदी) की कंजर जाति की बालाओं द्वारा विभिन्न अवसरों विशेषकर विवाह के आयोजन पर किया जाता है। इसमें नर्तकी चक्कर पर चक्कर घूमती हुई नाचती है तो उसके घाघरे का लहराव देखते लायक होता है। लगभग पूरे नृत्य में कंजर बालाएं लट्टू की तरह घूर्णन करती है। इसी कारण इस नृत्य को चकरी नृत्य कहा जाता है। इस नृत्य में ढफ, मंजीरा तथा नगाड़े वाद्य का प्रयोग होता है।
24. गाढ़े अपारदर्शक रंगों के प्रयोग की चित्रण पद्धति को कहते हैं -
• ✓ टैम्परा पद्धति
• तेल रंग पद्धति
• जल रंग पद्धति
• पेस्टल पद्धति
25. नाग पंचमी का त्योहार विक्रम संवत् के किस महीने में मनाया जाता है -
• श्रावण
• भाद्रपद
• ✓ वैशाख
• चैत्र
नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है । हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रुप में मनाया जाता है । इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है।