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Good Story
मित्रो आज आपको एक बच्चे की कहानी सुनाता हूँ जो लन्दन के एक बहुत गरीब फटेहाल परिवार में पैदा हुआ | उसे स्कूल में ढंग से कुछ समझ में भी नहीं आता था और अध्यापक उसे अक्सर बेंत से सजा दिया करते थे तंग आकर बच्चे की माँ ने स्कूल में भेजना बंद कर दिया | अब उस गरीब बच्चे को एक जिल्दसाज के यहाँ काम पर भेज दिया गया जैसा सामान्यत गरीब पिछडो के साथ होता ही है | यह बच्चा दिन में जिल्द बंधता था और रात में उन्ही किताबो को पढ़ता था | एक दिन इस बच्चे को विज्ञान शो का एक मुफ्त टिकेट मिल गया |
इस विज्ञान शो को एक विज्ञानी डेवी दिखा रहे थे सब लोग आनंद ले रहे थे जबकि यह बालक उस सम्पूर्ण प्रयोग को अपनी डायरी में लिख रहा था, जिसे की दिखाया जा रहा था | इस बच्चे में विज्ञान में कुछ करने की ललक थी तो इसने उस नोट बुक की जिल्द बना कर विज्ञानी डवी को दी | शायद इसी से प्रभावित होकर उनके साथ काम करने का मौका मिल जाए |
मित्रो एक आम गरीब और सामाजिक रूप से निम्न दर्जे वाले के पास ना धन, ना जमीन, ना प्रभाव होता हे जिसके दमपर वह अपने जीवन में कुछ आगे बढ़ सके | उसके पास सिर्फ खुद का शरीर, दिमाग और आशा होती है | शरीर के द्वारा दूसरो के खेतो, फैक्टरियो में मजदूरी करके एक गरीब और निम्न व्यक्ति अपनी जीविका चलाता है |
कई वर्षो बाद डेवी को एक सहायक की जरुरत हुई और उसे यह गरीब बच्चा याद आया | अब वह एक किशोर बन गया, उसे नौकरी डे दी गयी | इस लड़के ने डेवी को कहा उसे विज्ञान के काम कर के बहुत अच्छा लगता है तब डेवीने कहा तुम अपने आप को विज्ञान से दूर ही रखो तुम्हारी खस्ता हालत में तुम साफ सफाई और मेरे सहायक का काम करके थोडा पैसा कमा लो वही अच्छा है | तब किशोर ने कहा सर पैसा तो सभी कमाते है पर विज्ञान में काम करके मानवता की सेवा की जा सकती है |
आपको नही लगता की सेवा सद्भावना जैसे कार्य एक गरीब को ज्यादा अच्छे लगते है क्योकि वह स्वयं उन्ही परिस्थितियों में रह चूका होता है | उसे अहसास होता है की मदद की कितनी आवश्यकता होती है जीवन में|
जब इस बच्चे ने पहली इलेक्ट्रिक मोटर बनायीं तो इसने पूरी दुनिया को बदल दिया | आप सोच सकते हे बिना मोटर के आज दुनिया चल सकती है | पखा, एसी, फेक्टरिया, पम्प और भी ना जाने अनगिनत उपकरण आज मोटर से चलते है कितनी कृतज्ञ है मानवता उस गरीब फटेहाल बच्चे की जिसे दुनिया ने प्रारंभीक शिक्षा तक भी नहीं दी डडो से सजा दी और उसने दुनिया को क्या दिया | एक अद्भुत अविष्कार जो आज हमारी दुनिया को चला रहा है |
उसके इस अविष्कार से उसका मालिक डेवी चिढ गया और उसे कांच बनाने की नयी विधी खोजने में लगा दिया| कांच के बारे में इस लड़के को कुछ भी नही पता था उसने वहा ४ साल बर्बाद किये और नाकामी की निशानी एक कांच की सिल्ली अपने साथ ले कर वापस लन्दन आया और काम करने लगा |
इसके बाद इस बच्चे ने दुनिया का पहला जनरेटर बनाया | अब आप जब चाहे बिजली बना सकते थे | देखो कितना बड़ा अहसान इस बालक ने इस दुनिया पे किया | आज भी बिजली उसी के बनाये सिद्धांत पर बन रही हे |
इस प्रकार उसने मोटर, जनरेटर, ट्रांसफार्मर , चुम्बकीय क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र , प्रकाश का चुम्बकीय क्षेत्र से प्रतिक्रिया, और ना जाने कितने काम किये किसी का पेटेंट नहीं कराया | उसके उद्देश्य सिर्फ विज्ञान के द्वारा मानवता का भला करना था सो उसने किया | मित्रो पता हे उसका नाम क्या था – माइकल फेराडे |
जब उसके सिद्धोंतो की गणितीय व्यख्या का समय आया तो उस विज्ञानी को बड़ी कठिनाई हुइ क्योकि गरीबी के कारण वह प्रारम्भिक शिक्षा नहीं ले पाया | अब आपको नहीं लगता की अच्छी प्रारंभिक शिक्षा का कितना महत्व है |
में आज आपके सामने अच्छे से अपने विचार रख पा रहा हु इसके पीछे उन कांग्रेस सरकारों की नीतियों योजनाओ का बड़ा हाथ है जिसने देस में गरीबो को भेदभाव रहित शिक्षा देने में बड़ा योगदान दिया | आजाद भारत के एक बड़े वर्ग को मुख्य धारा में लाने में आज उसके योगदान को नाकारा नहीं जा सकता | भूमि सुधार और वितरण बैंक राष्ट्रीय कारण शिक्षा, स्वस्थ , पेंशन और अनगिनत योजनायो के द्वारा जितना भला किया वह एक मिसाल है |
आज आप और हम उस सरकार की बुरइयो को देख पा रहे इसमे भी उनका योगदान रहा है हलाकि की उनके भ्रष्टाचार की सीमा हो गयी थे और उन्हें सबक भी मिल गया |
मित्रो मेरा दिल उस गरीब और महान बच्चे के प्रति बहुत सहानुभूति रखता है क्योकि मेरे पिता अपने बचपन में घोर ग़रीबी देख चुके है याद रखो मित्रो गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगो के पास अपना शरीर और दिमाग ही है जिसके दम पर वे उच्च स्थान हासिल कर सकते है |
अच्छी शिक्षा ग्रहण करो मेहनत करो आगे बढ़ो और दूसरो को भी आगे बढाओ
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मित्रो आज आपको एक बच्चे की कहानी सुनाता हूँ जो लन्दन के एक बहुत गरीब फटेहाल परिवार में पैदा हुआ | उसे स्कूल में ढंग से कुछ समझ में भी नहीं आता था और अध्यापक उसे अक्सर बेंत से सजा दिया करते थे तंग आकर बच्चे की माँ ने स्कूल में भेजना बंद कर दिया | अब उस गरीब बच्चे को एक जिल्दसाज के यहाँ काम पर भेज दिया गया जैसा सामान्यत गरीब पिछडो के साथ होता ही है | यह बच्चा दिन में जिल्द बंधता था और रात में उन्ही किताबो को पढ़ता था | एक दिन इस बच्चे को विज्ञान शो का एक मुफ्त टिकेट मिल गया |
इस विज्ञान शो को एक विज्ञानी डेवी दिखा रहे थे सब लोग आनंद ले रहे थे जबकि यह बालक उस सम्पूर्ण प्रयोग को अपनी डायरी में लिख रहा था, जिसे की दिखाया जा रहा था | इस बच्चे में विज्ञान में कुछ करने की ललक थी तो इसने उस नोट बुक की जिल्द बना कर विज्ञानी डवी को दी | शायद इसी से प्रभावित होकर उनके साथ काम करने का मौका मिल जाए |
मित्रो एक आम गरीब और सामाजिक रूप से निम्न दर्जे वाले के पास ना धन, ना जमीन, ना प्रभाव होता हे जिसके दमपर वह अपने जीवन में कुछ आगे बढ़ सके | उसके पास सिर्फ खुद का शरीर, दिमाग और आशा होती है | शरीर के द्वारा दूसरो के खेतो, फैक्टरियो में मजदूरी करके एक गरीब और निम्न व्यक्ति अपनी जीविका चलाता है |
कई वर्षो बाद डेवी को एक सहायक की जरुरत हुई और उसे यह गरीब बच्चा याद आया | अब वह एक किशोर बन गया, उसे नौकरी डे दी गयी | इस लड़के ने डेवी को कहा उसे विज्ञान के काम कर के बहुत अच्छा लगता है तब डेवीने कहा तुम अपने आप को विज्ञान से दूर ही रखो तुम्हारी खस्ता हालत में तुम साफ सफाई और मेरे सहायक का काम करके थोडा पैसा कमा लो वही अच्छा है | तब किशोर ने कहा सर पैसा तो सभी कमाते है पर विज्ञान में काम करके मानवता की सेवा की जा सकती है |
आपको नही लगता की सेवा सद्भावना जैसे कार्य एक गरीब को ज्यादा अच्छे लगते है क्योकि वह स्वयं उन्ही परिस्थितियों में रह चूका होता है | उसे अहसास होता है की मदद की कितनी आवश्यकता होती है जीवन में|
जब इस बच्चे ने पहली इलेक्ट्रिक मोटर बनायीं तो इसने पूरी दुनिया को बदल दिया | आप सोच सकते हे बिना मोटर के आज दुनिया चल सकती है | पखा, एसी, फेक्टरिया, पम्प और भी ना जाने अनगिनत उपकरण आज मोटर से चलते है कितनी कृतज्ञ है मानवता उस गरीब फटेहाल बच्चे की जिसे दुनिया ने प्रारंभीक शिक्षा तक भी नहीं दी डडो से सजा दी और उसने दुनिया को क्या दिया | एक अद्भुत अविष्कार जो आज हमारी दुनिया को चला रहा है |
उसके इस अविष्कार से उसका मालिक डेवी चिढ गया और उसे कांच बनाने की नयी विधी खोजने में लगा दिया| कांच के बारे में इस लड़के को कुछ भी नही पता था उसने वहा ४ साल बर्बाद किये और नाकामी की निशानी एक कांच की सिल्ली अपने साथ ले कर वापस लन्दन आया और काम करने लगा |
इसके बाद इस बच्चे ने दुनिया का पहला जनरेटर बनाया | अब आप जब चाहे बिजली बना सकते थे | देखो कितना बड़ा अहसान इस बालक ने इस दुनिया पे किया | आज भी बिजली उसी के बनाये सिद्धांत पर बन रही हे |
इस प्रकार उसने मोटर, जनरेटर, ट्रांसफार्मर , चुम्बकीय क्षेत्र, विद्युत क्षेत्र , प्रकाश का चुम्बकीय क्षेत्र से प्रतिक्रिया, और ना जाने कितने काम किये किसी का पेटेंट नहीं कराया | उसके उद्देश्य सिर्फ विज्ञान के द्वारा मानवता का भला करना था सो उसने किया | मित्रो पता हे उसका नाम क्या था – माइकल फेराडे |
जब उसके सिद्धोंतो की गणितीय व्यख्या का समय आया तो उस विज्ञानी को बड़ी कठिनाई हुइ क्योकि गरीबी के कारण वह प्रारम्भिक शिक्षा नहीं ले पाया | अब आपको नहीं लगता की अच्छी प्रारंभिक शिक्षा का कितना महत्व है |
में आज आपके सामने अच्छे से अपने विचार रख पा रहा हु इसके पीछे उन कांग्रेस सरकारों की नीतियों योजनाओ का बड़ा हाथ है जिसने देस में गरीबो को भेदभाव रहित शिक्षा देने में बड़ा योगदान दिया | आजाद भारत के एक बड़े वर्ग को मुख्य धारा में लाने में आज उसके योगदान को नाकारा नहीं जा सकता | भूमि सुधार और वितरण बैंक राष्ट्रीय कारण शिक्षा, स्वस्थ , पेंशन और अनगिनत योजनायो के द्वारा जितना भला किया वह एक मिसाल है |
आज आप और हम उस सरकार की बुरइयो को देख पा रहे इसमे भी उनका योगदान रहा है हलाकि की उनके भ्रष्टाचार की सीमा हो गयी थे और उन्हें सबक भी मिल गया |
मित्रो मेरा दिल उस गरीब और महान बच्चे के प्रति बहुत सहानुभूति रखता है क्योकि मेरे पिता अपने बचपन में घोर ग़रीबी देख चुके है याद रखो मित्रो गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगो के पास अपना शरीर और दिमाग ही है जिसके दम पर वे उच्च स्थान हासिल कर सकते है |
अच्छी शिक्षा ग्रहण करो मेहनत करो आगे बढ़ो और दूसरो को भी आगे बढाओ
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